श्रावण महोत्सव 2023 की पाचवीं संध्या

गायन, वादन, नृत्य की मोहक प्रस्‍तुतियों ने कला रसिकों का मन मोहा

श्रावण महोत्सव 2023 की पाचवीं संध्या

 उज्जैन  । श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के आयोजन 18 अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव "शिव संभवम" की पाचवी संध्या में पहली प्रस्तुति फरीदाबाद की पद्मश्री सुश्री सुमित्रा गुहा के शास्त्रीय गायन की हुई। विदुषी सुश्री गुहा ने अपने शास्त्रीय गायन में राग जोग विलंबित एक ताल में स्वरचित बंदिश महादेव भज रे..... से प्रस्तुति का प्रारम्भ किया। इसी राग में तीनताल की परम्परागत बंदिश साजन मोरा घर आयो.....व एकताल द्रुतलय में स्वरचित बंदिश सुर-नर मुनिजन.....की प्रस्तुति दी | उसके पश्यात राग देश एवं राग मिया-मल्हार में सावन के गीत सावन की ऋतु आयी सखी री.... की प्रस्तुति दी | पद्मश्री सुश्री सुमित्रा गुहा प्रस्तुति का समापन राग भूपाली ताल कहरवा में शिव भजन हर-हर-हर शंभो नमामि शंकर से किया | आपके साथ तबला संगत श्री अनूप घोष, हारमोनियम संगत श्री दीपक खसरावल, तानपुरा संगत सुश्री श्रुति श्रीवास्तव ने की |

श्रावण महोत्सव की दूसरी प्रस्तुति पं. प्रवीण कुमार आर्य द्वारा निर्देशित पखावज त्रिवेणी की हुई |  जिसमें पं आर्य के साथ पखावज पर संगत की श्री ऐश्वर्य आर्य व शिष्य श्री छवि जोशी ने संगत की | कार्यक्रम  का प्रारम्भ आपके गुरू द्वारा रचित द्वादश ज्योर्तिलिंग परण से किया गया, उसके उपरान्त उठान, धागेतिट की उपज, लयकारी, उसके उपरान्त मिश्र जाति, तिस्त्र जाति, धाकिट तकिट तकिट तकाकिट के साथ धुमकिट की उपज, चक्रदार, धिननक का बाज, 3 चक्रदार, रेला, गोपुच्छ खण्डजाति, बेदम चक्रदार, तिटकत गदिगन की फरमाईशी चक्रदार धान धिकिट, तिपल्ली, तिटतिटतिट, धात्रक धिकिटतक, पांच धा को द्रुत तीनताल में रेले, गदिगन धा आदि परनों के साथ सवाल-जवाब के साथ समापन किया |  

श्रावण महोत्सव 2023  "शिव संभवम" की पंचम संध्या की अंतिम प्रस्तुति उज्जैन की कथक नृत्यांगना सुश्री माधुरी कोडपे की हुई | सुश्री माधुरी कोडपे ने अपनी कथक नृत्य प्रस्तुति का प्रारम्भ एक ताल में निबध्द आदि देव-महादेव हे दयानिधे....  से किया।  तत्पश्चात आपने शुद्ध कथक में ताल-धमार में उठान, ठाठ, आमद, चक्रदार तोडे, चक्रदार परण, परमेलु, गत निकास, आदि का अद्भूत समावेश किया । साथ ही शिव कवित्त एवं जुगलबन्दी की शानदार प्रस्तुति दी | सुश्री कोडपे ने प्रस्तुति समापन मराठी भाषा में श्री देवदत्त भिगारकर द्वारा रचित अभंग माझे विठ्ठल-रखुमाई कर कटेवरी उभे विटेवरी वास पंढरपुरी......से किया । आपके साथ साथी कलाकार के रूप में हारमोनिय संगत पर नृत्य गुरु डॉ. हरिहरेश्वर पोद्दार, तबला संगत पर  श्री भरत बरोट, पखावाज संगत पर श्री प्रखर विजयवर्गीय, सितार संगत पर श्री दीलिप फडके, सारंगी पर श्री जगदीश बरोट, पढंत पर श्री राहुल बने व गायन में श्री निलेश मनोहर व श्री विशाल वाकणकर ने संगत की |

कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्य अतिथि  संत श्री राम शरण दास जी रामानंद अखाडा, अंकपात उज्जैन , श्रीमती कलावती यादव, अध्यक्ष (सभापति) नगर पालिक निगम, उज्जैन, श्री श्याम बंसल अध्यक्ष उज्जैन विकास प्राधिकरण, आयोजक समिति व कलाकारों द्वारा श्री महाकालेश्वर भगवान के समक्ष दीप-प्रज्जवलन कर किया गया।

इस दौरान श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबन्ध समिति द्वारा संचालित श्री महाकालेश्वर वैदिक प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के बटुकों द्वारा स्वस्ति वाचन किया गया। दीपप्रज्वलन के उपरांत गणमान्य अतिथियों का मंदिर प्रबंध समिति सदस्य श्री राम पुजारी द्वारा  सम्मान किया गया। गणमान्य अतिथियों द्वारा प्रस्तुति हेतु पधारे कलाकारों का सम्मान किया गया।  मंच संचालन श्री दीपक कोडापे द्वारा किया गया। आभार सहायक प्रशासनिक अधिकारी श्री आर.के.तिवारी ने माना।


12 अगस्त शनिवार को श्रावण महोत्सव की पांचवी संध्या में उज्जैन के कलाकारों की प्रस्तुति होगी। जिसमे सुश्री आयुर्धा शर्मा के कथक नृत्य, श्री अतुल शास्त्री के वायलिन वादन व श्री कुलदीप दुबे के कथक नृत्य की प्रस्तुति होगी